Page 5 - Digital Aarti Sangrah
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देवीची आरती
ग घ ट भारी, तुजवीण संसारी।
अनाथ नाथे अंबे, क णे व तारी।
वारी वारी ज म, मरणं ते वारी।
हारी पडलो आता, संकट नवारी।
जय देवी जय देवी, जय म हषासुरमथनी।
सुरवर इ रवरदे, तारक संजीवनी।
जय देवी जय देवी॥ ु.
ैलो यी भुवनी, पाहता तुज एसे ी नाही।
चारी मले परंतु, न बोले काही।
साही ववाद करता, पडलो वाही।
ते तू भ तालागी, पावसी लवलाही।
जय देवी जय देवी...॥१॥
स वदने, स होसी नजदासा।
लेशांपासुनी, सोडी तोडी भवपाशा।
अंबे तुजवांचून, कोण पुर वल आशा।
नरहरी त लीन झाला, पदपंकजलेशा।
जय देवी जय देवी...॥२॥

